Monday, April 7, 2008

आवासिय समस्या का हल है हमारे पास

आप यदि ये माने बैठे हैं कि एक ध्रुविय होती जा रही दुनिया के चलते दुनियाभर की पूंजीवादी लोकतांत्रिक सरकारें कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से परहेज़ करने लगी हैं और जनता की अधारभूत जरुरत । रोटी, कपड़ा और मकान को भी बाज़ार के हवाले छोड़ दे रही हैं तो शायद आप गलती पर हैं। आपकी जानकारी के लिए लीजिए प्रस्तुत है ये खबर झोपड़ियों में चांदनी रात का मजा लेंगे सैलानी

1 comment:

Udan Tashtari said...

चलिये, बढ़िया है. कभी बनाया जायेगा इन झोपड़ियों की तरफ रुख करने का कार्यक्रम. :)