Saturday, June 21, 2008

हमारी स्मृतियों में जिन्दा रहेगा जांसकर

कल यानी 22 जून को लद्दाख के अंदरुनी इलाके जांसकर की यात्रा पर निकल रहा हूं। यात्री दल में मेरे अलावा चार अन्य साथी राजेन्द्र नेगी, अनिल काला, महेन्द्र क्षेत्री और संजीव बहुगुणा शामिल है। देहरादून से मनाली और मनाली से दारचा, बस या किसी भी अन्य वाहन की सवारी करके ही पहुंचेगें। दारचा से वह रास्ता शुरु हो जायेगा जो हरे घास के चारागाहों से होता हुआ पलामू, जांसकर सुमदो और चुमी नापको होते हुए हमें सिंगोला पास के करीब पहुंचा देगा। बीच में बोल्डरों भरा कठिन रास्ते और दरिया को भी पार करना होगा। सिंगोला पास जो लगभग 16500-17000 फुट की ऊंचाई पर है, को पार कर उस बंद डिबिया में प्रवेश कर जायेगें जिसे जांसकर कहते हैं। जम्मू कश्मीर का यह इलाका एक बंद डिबिया ही है। इसके भीतर घुसने के लिए दर्रों को पार किये बगैर घुसा ही नहीं जा सकता। इससे पहले 1997 में भी मैं अपने अन्य साथियों के साथ इसी मार्ग से जांसकर गया था। राजेन्द्र नेगी उस वक्त भी था। वर्ष 2000 में यूनून नदी से होते हुए फिरचेन ला वाले रास्ते से जांसकर जाना हुआ था। उस दौरान अनिल काला साथ था। फिरचेन ला को पार कर हम जांसकर के तांग्जे गांव में निकले थे। सिंगोला को पार कर लाकोंग में उतरेगें। लाकोंग के बाद कारगियाक तांग्जे, पुरनै, इचर, रारु होते हुए पदुम पहुंच जायेगें। पदुम से मोटर रोड़ शुरु हो जाती है और किसी भी वाहन की सवारी से कारगिल और कारगिल से लेह। कुल मिलाकर लगभग दस दिन की पैदल यात्रा जो अनुमानत: 130 किमी की होगी, हम तय करेगें। बाकी का विवरण यात्रा से लौटने के बाद।

7 comments:

मसिजीवी said...

शुभकामनाएं मित्र। आपका अभियान सुरक्षित, सफल व सार्थक हो।

हिम्‍मत जुटा रहा हूँ। अभ्‍यास के लिए एक-दो कम कठिन ट्रैक कर लूँ, फिर आपसे आग्रह करूंगा कि किसी ट्रेक पर हमें भी साथ लें। पहाड़ को देखना का नजरिया बेहद संतुलित व उस पिकनिकी रवैए से मुक्‍त है जो सैलानियों में दिखाई देता है। पुन: शुभकामनाएं। वृंत्‍तांत दर्ज करते रहें। वापसी पर हम तकादा करने वाले हैं, ढेर सी पोस्‍टों व तस्‍वीरों का।

मसिजीवी said...

पढें- पहाड़ को देखने का आपका नजरिया

Ashok Pandey said...

सफल व सुखद यात्रा की शुभकामनायें।

Arun Aditya said...

tumhari yatra sukhad ho.

Poonam Misra said...

आपकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं .यात्रा वृत्तांत की प्रतीक्षा रहेगी .

Unknown said...

hello sir,
this is shashikant yadav here and i m friend of prateek sharma son of mr. mahesh sharma.
he gave me the advise of visiting your blog.
i just love th content of your blog. you really are a very good blogger. i would like to give you sme suggestions on your work.
you write so good why not earn from it by just putting some ads in your blog by google.
if you get good traffic you can really earn a lot with your blog.
you can check out my blog for some detailed information on this.
my blog is

http//blogging-madeeasy.blogspot.com

Anonymous said...

theek hai theek hai. main hi galat parh gaya.....lekin salah fir bhi barkarar hai.