Monday, September 8, 2008

संवेदना देहरादून, मासिक गोष्ठी - सितम्बर 2008



दिनांक 7।8।2008 को हिन्दी भवन, देहरादून के पुस्तकालय में सम्पन्न हुई संवेदना की मासिक गोष्ठी में हाल ही में दिवंगत हुए कवि वेणु गोपाल का स्मरण करते हुए देहरादून के रचनाकारों ने उनके कृतित्व और उनके व्यक्तित्व के संबंध में चर्चा की। कथाकार सुभाष पंत ने हिन्दी में क्रांतिकारी धारा के कवि वेणु गोपाल की इस विशेषता को याद को याद किया कि वेणु गोपाल ने अपने ही सरीखे समकालीन कवियों के साथ हिन्दी कविता को अकविता से कविता की ओर लौटाया है। क्रांतिकारी राजनैतिक आंदोलन के बीच कवि वेणु गोपाल की सकारत्मक उपस्थिति भी रचनाकारों की बातचीत को हिस्सा रही। गोष्ठी में उपस्थित कथाकार दिनेश चंद्र जोशी, मदन शर्मा, एस0पी0सेमवाल, विद्या सिंह नवीन नैथानी कवि प्रेम साहिल, जयंति सिजवाली, डॉ अतुल शर्मा, राजेश पाल,रामभरत पत्रकार सुनीता, कीर्ति सुन्द्रियाल के अलावा पुनीत कोहली, विजय गौड़ आदि ने चर्चा मे हिस्सेदारी की। प्रेम साहिल, जयंति सिजवाली, मदन शर्मा एवं दिनेश चंद्र जोशी ने अपनी रचनाओं के पाठ किए।

2 comments:

siddheshwar singh said...

रपट पढी.बढिया!
गोष्ठी में प्रस्तुत कोई रचना भी देते तो और अच्छा होता. अगली बार आप कोशिश करेंगे, ऐसी उम्मीद है!

शिरीष कुमार मौर्य said...

विजय भाई आपका ब्लोग खुलते समय हैन्ग करता है ! एक बार मे ५ से अधिक पोस्ट मत रखिए!