Tuesday, August 18, 2009

शतरंज के खिलाड़ी - पाठ व प्रदर्शन

उदयपुर
प्रेमचंद जयंती पर माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग और जन संस्कृति के संयुक्त तत्वावधान में प्रसिद्ध निर्देशक सत्यजित राय की फिल्म "शतरंज के खिलाड़ी" का जन प्रदर्शन किया गया। गौरतलब है कि यह फिल्म प्रेमचंद की इसी शीर्षक की अमर कहानी पर आधारित है।
प्रेमचंद की यह कहानी नवाब वाजिद शाह के समय के लखनऊ की कथा कहती है। यह वह समय था जब ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत में पांव पसार चुकी थी और राजनीतिक हस्तांतरण की तैयारी हो रही थी। फिल्म पस्त पड़ चुके सामंती ढांचे की ब्रिटिश उपनिवेशवाद के हाथों पराजित होने की त्रासदी का उद्धघाटन करती है। फिल्म में संजीव कुमार, सईज जाफरी, शबाना आजमी और अमजद खान की मुख्य भूमिकाएं हैं।
आयोजन में वरिष्ठ कवि प्रो। नंद चतुर्वेदी ने कहा कि नये समय के दबावों का सामना करने के लिए साहित्य को भी नये नये रूप धारण करने होंगे। उन्होंने कहा कि कहानी और फिल्म का अंत अलग अलग है ऐसे में क्या यह बहस का विषय नहीं है कि दूसरे रूप में बदलते समय कलाकृति का बदलने की कितनी छूट होनी चाहिए। विख्यात समालोचक प्रो। नवल किशोर ने कहा कि युवा वर्ग को साहित्य से जोड़ने के लिए ऐसे नवाचारों का स्वागत किया जाना चाहिए। रंगकर्मी महेश नायक ने फिल्म के एक विशेष पहलू की ओर ध्यान दिलाया कि सत्यजित राय के अनुरोध पर हॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक रिचर्ड एटनबरो ने फिल्म में लॉर्ड डलहौजी की भूमिका निभाई थी।
अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया ने कहा कि ब्रिटिश उपनिवेशवाद और भारतीय सामंतवाद दोनों प्रेमचंद की कलक के निशाने पर रहे और यह फिल्म इसी बात की सच्ची गवाही देती है। उन्होंने कहा कि कहानी और फिल्म आज भी प्रासंगिक है क्योंकि ग्लोबलाइजेशन की शतरंज में हमारे जैसे देश फंस चुके हैं। संयोजन कर रहे जसम के राज्य संयोजक हिमांशु पण्ड्या ने कहा कि फिल्म में अमजद खान अपनी अभिनय कला के शिखर पर हैं। उन्होंने कहा कि शोले की अपूर्व ख्याति ने उनकी इस यादगार भूमिका को विस्मृत कर दिया। चर्चा में बनास के सम्पादक डॉ। पल्लव ने कहा कि अच्छी कलाकृति किसी भी माध्यम में आये वह श्रेष्ठ साहित्य का आस्वाद देती है। आयोजन में फिल्म पर चर्चा में डॉ। सुधा चौधरी, डॉ। सर्वतुन्निसा खां, डॉ। फरहत बानो, डॉ। रजनी कुलश्रेष्ठ, डॉ। लालाराम जाट, डॉ. चंद्रदेव ओला, नौशीन, शोधार्थी नंदलाल जोशी, गणेशलाल मीणा, केसरीमल निनामा ने भी भाग लिया। अंत में जसम की ओर से प्रज्ञा जोशी व गजेन्द्र मीणा ने सभी का आभार ज्ञापित किया।
इससे पूर्व जसम के युवा सदस्य शैलेन्द्र भाटी ने कहानी "शतरंज के खिलाड़ी" का प्रभावी पाठ किया।


प्रो। हेमेन्द्र चण्डालिया
अध्यक्ष - अंग्रेजी विभाग
माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय
उदयपुर

2 comments:

प्रतिभा कुशवाहा said...

es jankari ke liye dhanywad. prakashan hetu es khabar ko 'pakhi@pakhi.in' per mail kar de. dhanywad.

अजेय said...

film kahaanee se zyadaa prabhavshaalee banee hai.