Wednesday, April 4, 2018

शब्दों के पार

कैमरे से ली गई तस्वी‍रों का उजलापन इस्तेमाल होने वाली उच्चत तकनीक का मामला भर ही नहीं होता है। रोशनी के समुचित उपयोग और दृश्य के अर्थवान फलक की पहचान, जिसमें दृश्य का चुनाव स्वत: निहित माना जाए, ही वे प्रभावी घटक होते हैं जो तस्वीर के रूप में एक फोटोग्राफर की रचना हो जाते हैं। 

नैनीताल में रहने वाली विनीता ने पिछले दिनों मेघालय की यात्रा की। 
विनीता यशस्वी के कैमरे से उतरकर आने वाला मेघालय, जनजीवन के विस्ताार के साथ ही प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा दिखता हुआ है। उस यात्रा के दौरान विनीता द्वारा उतारी गई कुछ तस्वीरें यहां विनीता की ही एक छोटी सी टिप्पणी के साथ प्रस्तुत हैं। 

विगौ

विनीता यशस्वी 

भारत के उत्तर पूर्व में स्थित बेहद खूबसूरत राज्य है मेघालय जिसका अर्थ है ‘मेघों का घर’। मेघालय की स्थापना 21 जनवरी 1972 में हुई थी। मेघालय की राजधानी शिलांग है जो कि एक बड़़ा शहर है। मेघालय में बहुत सी जगह दर्शनीय है जिनमें प्रमुख है चेरापूंजी, दाउकी, मेविलांग हैं। जहाँ एक ओर चेरापूंजी की मावासामी गुफा कुदरत का अनूठा नजारा पेश करती हैं तो वहीं नोखलाई झरना इस खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ाता है। लिविंग रूट ब्रिज जिसे यहाँ के स्थानीय निवासियों ने बारिश के दिनों में अपने इस्तेमाल के लिये बनाया पर आज ये पर्यटन का मुख्य आधार बन गया है। दाउकी पश्चिम जयंतिया हिल्स में स्थित जिला है जो उमगट नदी के लिये प्रसिद्ध है। इस नदी का पानी बिल्कुल पारदर्शी है। इसमें नाव से सैर करना एक यादगार अनुभव है। इस नदी के किनारे यहाँ की जनजीवन भी दिखाई देता है। मेघालय में मूल रूप से खासी, जयंतिया और गारो जनजाति के लोग रहते हैं। मेघालय सुपारी और बांस के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ज्यादातर घर बांस के बने होते हैं जिन्हें जमीन से थोड़ा ऊपर उठा कर बनाया जाता है। मेघालय में ईसाई धर्म का प्रभाव बहुत ज्यादा है इसलिये कई चर्च यहाँ दिखाई देते हैं। मेघालय महिला सशक्तीकरण की मिसाल है।






2 comments:

HARSHVARDHAN said...

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन पंडित माखनलाल चतुर्वेदी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Onkar said...

सुंदर चित्र और विवरण