tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post2526423643630807806..comments2024-03-18T11:08:06.414+05:30Comments on लिखो यहां वहां: सरग-दिद्दाविजय गौड़http://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-84952630910934824082009-03-14T00:09:00.000+05:302009-03-14T00:09:00.000+05:30ये मेरा दुर्भाग्य है कि आपके ब्लौग के बारे में आज ...ये मेरा दुर्भाग्य है कि आपके ब्लौग के बारे में आज जाना कि जब चंद दिनों बाद देहरादून छोड़ कर जाना है मुझे.....<BR/>अद्भुत जानकारी किंतु....सलाम आपकोगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-64713174974408171072009-03-13T16:40:00.000+05:302009-03-13T16:40:00.000+05:30बहुत उत्कृष्ट रचनाऐं हैं दोनों:मुझे नहीं मालूम हैक...बहुत उत्कृष्ट रचनाऐं हैं दोनों:<BR/><BR/>मुझे नहीं मालूम है<BR/>किनकी संख्या अधिक है<BR/>पेटों की<BR/>या खेतों की ?<BR/><BR/>-झंकझोर देने वाली पंक्तियाँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-65113035264879526372009-03-13T16:28:00.000+05:302009-03-13T16:28:00.000+05:30सुन्दर प्रस्तुति। देहरादून की मधुर यादों में पहुँच...सुन्दर प्रस्तुति। देहरादून की मधुर यादों में पहुँचा दिया आपने।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com