tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post4008905192939556976..comments2024-03-29T03:47:04.949+05:30Comments on लिखो यहां वहां: भाषा एक उत्तोलक हैविजय गौड़http://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-70178576844290397902011-10-24T00:22:32.392+05:302011-10-24T00:22:32.392+05:30योगेन्द्र जी बहुत बहुत बधाई.शिरीष जी के कथन से में...योगेन्द्र जी बहुत बहुत बधाई.शिरीष जी के कथन से में सहमत हूँ.<br />वाकई देश और विदेश के सैकडों लेखकों को पड़ने के वाद भी पहल जैसी पत्रिकाओं में पढ़ी कहानियाँ ,अँधेरे में हंसी के साथ-साथ ज़ेहन में गहरी छवि के साथ मौजूद हैं.चाहे वो एक घडीसाज़ के वाकये वाली या फिर स्वाद-संवेदना विहीन high profile professional taster ki kahani.आप की और कहानियों का बेसब्री से इनेजार है.Narendra Kumar Aryahttps://www.blogger.com/profile/03089695561265086318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-18650693485541520452009-02-01T11:53:00.000+05:302009-02-01T11:53:00.000+05:30yogendra ji aur anup ji ko is puraskar ke liye bah...yogendra ji aur anup ji ko is puraskar ke liye bahut sari shubhkamnayen.yogendra ji ka vaktavya sahejane yogya hai.vidya singhhttps://www.blogger.com/profile/13315907111661168756noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-72203320768159356602009-02-01T11:43:00.000+05:302009-02-01T11:43:00.000+05:30namvar singh ka speech aur yogendra ji ka vaktavya...namvar singh ka speech aur yogendra ji ka vaktavya donon upalabdh kara kar aapne bahut bahut achchha kaam kiya hai .aise hi ham tak jaankariyon ke saath aate rahein.thanksvidya singhhttps://www.blogger.com/profile/13315907111661168756noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-24590007675106974362009-01-27T11:13:00.000+05:302009-01-27T11:13:00.000+05:30योगेन्द्र आहूजा का एक वक्तव्य `पहल` में पढ़ा और उम्...योगेन्द्र आहूजा का एक वक्तव्य `पहल` में पढ़ा और उम्मीद व बेचैनी में डूबा रहा. फिर एक कहानी पढ़ी. अब फिर ये वक्तव्य. उन्हें पढ़कर न कोरी हवाई उम्मीद जागती है और न अंधी निराशा. वे नैतिक सवाल उठाते हैं जो निरा आदर्शवादी नहीं होते बल्कि एक राजनैतिक प्रतिबद्ध दिल-दिमाग से निकले होते हैं. इस वक़्त ऐसे लेखक बहुत हैं जो खुद को वामपंथी कहते हैं पर जो बेहद चालाक-चतुर सुजान भर हैं. मनमोहन, असद जैदी या कुछ और कम ही लेखक हैं जिन्हें पढ़कर बेचैनी और उम्मीद दोनों साथ आती है. उम्मीद जो निराशा से मुंह चुराकर नहीं गढी जातीEk ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-4826657632844950532009-01-27T11:12:00.000+05:302009-01-27T11:12:00.000+05:30योगेन्द्र आहूजा का एक वक्तव्य `पहल` में पढ़ा और उम्...योगेन्द्र आहूजा का एक वक्तव्य `पहल` में पढ़ा और उम्मीद व बेचैनी में डूबा रहा. फिर एक कहानी पढ़ी. अब फिर ये वक्तव्य. उन्हें पढ़कर न कोरी हवाई उम्मीद जागती है और न अंधी निराशा. वे नैतिक सवाल उठाते हैं जो निरा आदर्शवादी नहीं होते बल्कि एक राजनैतिक प्रतिबद्ध दिल-दिमाग से निकले होते हैं. इस वक़्त ऐसे लेखक बहुत हैं जो खुद को वामपंथी कहते हैं पर जो बेहद चालाक-चतुर सुजान भर हैं. मनमोहन, असद जैदी या कुछ और कम ही लेखक हैं जिन्हें पढ़कर बेचैनी और उम्मीद दोनों साथ आती है. उम्मीद जो निराशा से मुंह चुराकर नहीं गढी जातीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/16190335980237539301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-9651439801539311542009-01-27T07:50:00.000+05:302009-01-27T07:50:00.000+05:30योगेन्द्र जी को और आलोक श्रीवास्तव को बधाई।योगन्द्...योगेन्द्र जी को और आलोक श्रीवास्तव को बधाई।<BR/>योगन्द्रजी का वक्तव्य पढकर बहुत अच्छा लगा। <B> करोगे याद तो हर बात याद आयेगी </B> बेहतरीन। आपका शुक्रिया इसे हमें पढ़वाने के लिये।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-11091727756394151242009-01-23T16:49:00.000+05:302009-01-23T16:49:00.000+05:30जिस रात योगेन्द्र मुंबई में ये महत्वपूर्ण वक्तव...जिस रात योगेन्द्र मुंबई में ये महत्वपूर्ण वक्तव्य दे रहे थे और अपने लिखे शब्दों के लिए सम्मानित हो रहे थे, मैं बहुत दूर रायपुर में अफसोस मना रहा था कि मैं इस वक्त मुंबई में क्यों नहीं हूं। उनसे बात भी हुई थी उस रात। लेकिन उनके वक्तव्य को पढ़ कर ये सुखद अहसास हो रहा है मानो मैं अपने प्रिय मित्र और अत्यंत प्रिय को मंच से बोलते सुन रहा हूं।<BR/>आपने ये मुलाकात करा के मेरे लिए बड़ा काम किया है।<BR/>सूरजकथाकारhttps://www.blogger.com/profile/05339019992752440339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-74429371981036076402009-01-22T08:31:00.000+05:302009-01-22T08:31:00.000+05:30योगेन्द्र जी को बधाई, उन का वक्तव्य महत्वपूर्ण है।...योगेन्द्र जी को बधाई, उन का वक्तव्य महत्वपूर्ण है। सहेजने लायक।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-9712367226998951412009-01-21T13:32:00.000+05:302009-01-21T13:32:00.000+05:30योगेंद्र जी को बधाई और इसे यहां उपलब्ध कराने के ल...योगेंद्र जी को बधाई और इसे यहां उपलब्ध कराने के लिए विजय जी आप को भी शुक्रियाArun Adityahttps://www.blogger.com/profile/11120845910831679889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-55779358438787814822009-01-21T10:28:00.000+05:302009-01-21T10:28:00.000+05:30मैंने योगेंद्र आहूजा के मुख से सुना यह वक्तव्य, ...मैंने योगेंद्र आहूजा के मुख से सुना यह वक्तव्य, उस शाम, जब उन्हें यह पुरस्कार मिला. यादगार शाम. हम सब के लिए बहुत जरूरी हिदायतें योगेंद्र जी ने दी हैं. आपने इसे यहां उपलब्ध कराया, बहुत अच्छा किया.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-54435382378337682362009-01-19T15:42:00.000+05:302009-01-19T15:42:00.000+05:30भाई यौगेन्द्र जी पहली बार आपकी पोस्ट देखी-पढ़ी बस ...भाई यौगेन्द्र जी पहली बार आपकी पोस्ट देखी-पढ़ी बस आत्मसात कर ली ढेरों बातें एक बात जो सबसे बेहतर लगी,लेखक के लिये जरूरी है याद दिलाते रहना कि भुलाना भूल ही नहीं, बहुत सारे मामलों में जुर्म, एक अक्षम्य जुर्म होता है । इसलिये कि जो भुला दिया जाता है वह अपने को पहले से भी जघन्य और नृशंस रूपों में दुहराता है। इस भूलने और भुलाने के विरूद्ध एक संघर्ष भी लगातार जारी हैश। मैं भी इसी संघर्ष में रहना चाहता हूँ, कुछ ऐसा लिख पाने की कोशिशों के रूप में जो एक साथ अपने वक्त का बयान भी हो और अपनी भाषा के श्रेष्ठतम की याद भी ।बधाई बार -बारविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-14498351921264179002009-01-19T14:51:00.000+05:302009-01-19T14:51:00.000+05:30kahanikaar ko badhai!kahanikaar ko badhai!ravindra vyashttps://www.blogger.com/profile/14064584813872136888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-76654943615172324892009-01-17T22:29:00.000+05:302009-01-17T22:29:00.000+05:30योगेंद्र आहूजा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।...योगेंद्र आहूजा जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-7873229359181102322009-01-17T20:41:00.000+05:302009-01-17T20:41:00.000+05:30वक्तव्य यहॉं देने के लिए शुक्रिया, अभी सहेज लिया...वक्तव्य यहॉं देने के लिए शुक्रिया, अभी सहेज लिया है इत्मीनान से पढेंगे।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-22908741847754464032009-01-17T19:43:00.000+05:302009-01-17T19:43:00.000+05:30और हां, मैं कल से इस वक्तत्व का इन्तज़ार कर रहा था...और हां, मैं कल से इस वक्तत्व का इन्तज़ार कर रहा था। विजय को भी शुक्रिया।शिरीष कुमार मौर्यhttps://www.blogger.com/profile/05256525732884716039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-76727612253911312472009-01-17T19:41:00.000+05:302009-01-17T19:41:00.000+05:30योगेन्द्र भाई को बधाई। उनका वक्तव्य भी उनके कथा-व्...योगेन्द्र भाई को बधाई। उनका वक्तव्य भी उनके कथा-व्यकित्तव के अनुकूल ही है। वे मुझे अपने समय के बहुत बड़े कहानीकार लगते हैं। एक बार फिर बधाई।शिरीष कुमार मौर्यhttps://www.blogger.com/profile/05256525732884716039noreply@blogger.com