tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post8926400390823613112..comments2024-03-29T03:47:04.949+05:30Comments on लिखो यहां वहां: कला-साहित्य का सलवा जुडुमविजय गौड़http://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-32979015446502206072009-08-11T16:14:06.108+05:302009-08-11T16:14:06.108+05:30सतनामी समाज बरसों से इस नाटक को देखता आ रहा है। इस...सतनामी समाज बरसों से इस नाटक को देखता आ रहा है। इसमें कुछ सतनामी कलाकारों ने काम भी किया है। फिर अचानक आपत्ति क्यों हो गई। इसके पीछे क्या कारण हैं और कौन इसे संचालित कर रहा है, इन सब चीजों की गहराई में जाना होगा। सतनामी समाज को विश्वास में लेकर ही यह लड़ाई लडऩी चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ सरकार की विभाजनकारी नीति की पोल खोली जा सके। सतनामी समाज की आपत्ति की आड़ लेकर चरणदास चोर को प्रतिबंधित करना अगर जायज है तो क्या इसी तर्क का आधार पर ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताडऩा के अधिकारी जैसी चौपाई पर स्त्रियों और शूद्रों की आपत्ति के कारण रामचरित मानस पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है? क्या छत्तीसगढ़ सरकार ऐसा करने की हिमाकत कर सकेगी? <br />2007 में एक साक्षात्कार के दौरान हबीब साहब ने कहा था-‘सवाल सिर्फ मेरे नाटकों का नहीं है। सवाल अभिव्यक्ति की आजादी का है। आप कोई फिल्म बनाते हैं, तो बवाल हो जाता है। पेंटिंग बनाएं तो बवाल। लेखक को भी लिखने से पहले दस बार सोचना पड़ता है कि इससे पता नहीं किसकी भावना आहत हो जाए और जान-आफत में। दुख की बात यह है कि सरकार इस सब पर या तो चुप है, या उन्मादियों के साथ खड़ी नजर आती है।'<br />उनकी बात एक बार फिर सही साबित हो गई है।Arun Adityahttps://www.blogger.com/profile/11120845910831679889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-69201762340221539002009-08-10T23:17:07.358+05:302009-08-10T23:17:07.358+05:30yah to afsosjank hai...yah to afsosjank hai...Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-56023319834908511302009-08-10T22:45:36.932+05:302009-08-10T22:45:36.932+05:30जी ऎसा ही है. चाहता हूं कि सभी जनपक्षधर ताकतें इसक...जी ऎसा ही है. चाहता हूं कि सभी जनपक्षधर ताकतें इसका हस्ताक्षर अभियान से लेकर सड़कों पर प्रदर्शन तक, जहांजो संभव हो, उसके ज़रिए प्रतिरोध करें. प्रणय कृष्णpranay krishnahttps://www.blogger.com/profile/17453882297227785432noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-91232490943990821802009-08-10T22:01:47.044+05:302009-08-10T22:01:47.044+05:30ऐसा हर युग मे होता आया है.
हबीब जी को जीते जी इन...ऐसा हर युग मे होता आया है. <br /><br />हबीब जी को जीते जी इन तिकड़्मो का असर न हुआ. अब कोई उनका क्या बिगाड़ लेगा?अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-65843647593049641122009-08-10T18:57:42.721+05:302009-08-10T18:57:42.721+05:30ap ki baat theek hai. thos ranniti ke sath ladai k...ap ki baat theek hai. thos ranniti ke sath ladai ki jarurat hai. lalchi artists se kya ummeed karenEk ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-1176063488800946502009-08-10T18:42:35.642+05:302009-08-10T18:42:35.642+05:30सचमुच खेदजनक है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ...सचमुच खेदजनक है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन ही है .Anonymousnoreply@blogger.com