tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post1723956547827926834..comments2024-03-29T03:47:04.949+05:30Comments on लिखो यहां वहां: धर्म मनुष्य की पहचान क्यों हो ? विजय गौड़http://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-84951951944760560692017-11-30T23:16:01.002+05:302017-11-30T23:16:01.002+05:30इस स्मृति यात्रा को किश्त दर किश्त पढ़ना अच्छा लग ...इस स्मृति यात्रा को किश्त दर किश्त पढ़ना अच्छा लग रहा है। एक रचनाकार के व्यक्तित्व, उसकी रचना यात्रा के वर्णन साथ साथ दलित विमर्श के इतिहास की गहरी पड़ताल भी आप कर रहे हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दस्तावेजीकरण के लिए निसंदेह आप बधाई के पात्र हैं। अगली किश्त का इंतजार रहेगा विजय जी।गीता दूबे, कोलकाताhttps://www.blogger.com/profile/17548414461415837685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3781544463522842555.post-37971769289754353732017-11-28T08:47:27.583+05:302017-11-28T08:47:27.583+05:30यह एक तरह से हिंदी के दलित साहित्य के इतिहास की भी...यह एक तरह से हिंदी के दलित साहित्य के इतिहास की भी पड़ताल है।<br />naveen kumar naithanihttps://www.blogger.com/profile/01356907417117586107noreply@blogger.com