''सौरी"" की ''चढ़ाई"" चढ़ते हुए एक समय बस्ती से देहरादून पहुंची अल्पना मिश्र अब दिल्ली निवासी हैं। देहरादून की साहित्यिक बिरादरी में उन्हें हमेशा अपने बीच ही महसूस किया जाता है। हाल ही में संपन्न हुए विश्व पुस्तक मेले के दौरान देहरादून के दो रचनाकारों की पुस्तकें सामने आयी हैं। युवा रचनाकार अल्पना मिश्र की कहानियों की किताब कब्र भी कैद औ" जंजीरें भी एवं वरिष्ठ रचनाकार गुरुदीप खुराना की किताब एक सपने की भूमिका । अपने इन साथी रचनाकारों की पुस्तकों के लोकापार्ण के वक्त पुस्तक मेले में मेरी उपस्थिति एक संयोग रही, जिसे अपनी उपलब्धि के खाते में डालते हुए पुस्तकों के लोकार्पण की तस्वीरें आप सब के साथ सांझा कर रहा हूं। दोनों रचनाकरों को बधाई।
3 comments:
दोनों किताबों के लिये बधाई! जरा फ़्लैप के दर्शन भी करा दें
विमोचन के लिये बधाई! नवीन नैथानी की मांग पर ध्यान दिया जाये।
bahut badiya sahitiyik halchal prastuti..aabhar!
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