अनेक चर्चित कविता संकलनों के रचयिता टोनी हॉगलैंड ने 2003 में "द चेंज" शीर्षक से एक कविता लिख कर सेरेना विलियम्स के "बड़े ,काले और किसी धौंस में न आने वाले शरीर" पर कटाक्ष कर के अश्वेत समुदाय की प्रचुर आलोचना झेली। एक दशक से ज्यादा समय से अविजित टेनिस किंवदंती सेरेना विलियम्स को खेल और ग्लैमर के लिए जाना जाता रहा है पर बहुत कम लोगों को खबर है कि 2008 में उन्होंने एक प्रेम कविता भी लिखी और अपने आधिकारिक वेबसाइट पर लोगों को पढ़ने के लिए प्रस्तुत भी की। ज़ाहिर है, कविता और प्रेम दोनों किसी ख़ास वर्ग की बपौती नहीं हैं ………
क्या पहले कभी ऐसा प्यार किया
कि बात बात में आने लगे रुलाई?
क्या पहले कभी ऐसा प्यार किया
कि हमेशा के लिए मुल्तवी कर दी जाये मौत भी?
ऐसा जो नहीं किया
तो कैसे रह पाओगी उसके साथ साथ ?
क्या पहले भी प्यार का एहसास मन में जागा
प्यार जो खरा निर्विकार है
क्या पहले भी प्यार का एहसास मन में जागा
प्यार जो इतना भरोसा पैदा कर दे
अपने आप पर
अपनी शक्ति पर
अपनी समझ पर ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि उनके हाथ सौंप दो अपने जीवन की पतवार ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि उनके ऊपर न सिर्फ़ मचल मचल आये दिल
बल्कि फूट फूट आये उनपर प्यार की धार
खुल जाये जिनके सामने सारी गाँठें
और बन जाओ एकदम उन्मुक्त ?
कभी किसी के लिए प्यार सिर चढ़ कर बोला
कि छाया की तरह ख़्वाहिश होने लगे उसके साथ की पल पल ?
कभी किसी के लिए प्यार सिर चढ़ कर बोला
कि उसके लिए नामुमकिन हो जाये कुछ भी इनकार कर देना
भीख , उधारी से लेकर चोरी तक सबकुछ
खाना पकाओ, पहिये साफ़ करो .... सब कुछ ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि घर से बाहर निकलो और चिल्ला चिल्ला कर
इसकी बाबत सुना डालो सारी दुनिया को ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि विस्मृत हो जाये मन से अच्छा बुरा
दूसरे सबने जो कहा अबतक … सब कुछ ?
चाहत यह कि बस थामे रहे तुम्हें प्रिय हर पल
और डाँट भी लगाये जब जब हो जाये कोई गलती
पर इज्ज़त और अपनेपन से?
वह प्यार से तुम्हें सँभाल लेगा बड़ा बन कर
जितना ही गहरा जायेगा प्यार में
प्यार बड़ा है प्रबल
प्यार में है बहुत जोर
और जब मिल जाये प्रिय कोई ऐसा
कर नहीं सकता कोई बाल बाँका
खुल कर प्यार करो तोड़ कर सारी सीमायें
वैसे ही जैसे गाड़ी करती हो स्टार्ट पहली पहली बार
फिर प्यार भी जी जान से करेगा हिफ़ाज़त तुम्हारी।
( प्रस्तुति : यादवेन्द्र )
--
क्या पहले कभी ऐसा प्यार किया
कि बात बात में आने लगे रुलाई?
क्या पहले कभी ऐसा प्यार किया
कि हमेशा के लिए मुल्तवी कर दी जाये मौत भी?
ऐसा जो नहीं किया
तो कैसे रह पाओगी उसके साथ साथ ?
क्या पहले भी प्यार का एहसास मन में जागा
प्यार जो खरा निर्विकार है
क्या पहले भी प्यार का एहसास मन में जागा
प्यार जो इतना भरोसा पैदा कर दे
अपने आप पर
अपनी शक्ति पर
अपनी समझ पर ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि उनके हाथ सौंप दो अपने जीवन की पतवार ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि उनके ऊपर न सिर्फ़ मचल मचल आये दिल
बल्कि फूट फूट आये उनपर प्यार की धार
खुल जाये जिनके सामने सारी गाँठें
और बन जाओ एकदम उन्मुक्त ?
कभी किसी के लिए प्यार सिर चढ़ कर बोला
कि छाया की तरह ख़्वाहिश होने लगे उसके साथ की पल पल ?
कभी किसी के लिए प्यार सिर चढ़ कर बोला
कि उसके लिए नामुमकिन हो जाये कुछ भी इनकार कर देना
भीख , उधारी से लेकर चोरी तक सबकुछ
खाना पकाओ, पहिये साफ़ करो .... सब कुछ ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि घर से बाहर निकलो और चिल्ला चिल्ला कर
इसकी बाबत सुना डालो सारी दुनिया को ?
कभी किसी को इतना प्यार किया
कि विस्मृत हो जाये मन से अच्छा बुरा
दूसरे सबने जो कहा अबतक … सब कुछ ?
चाहत यह कि बस थामे रहे तुम्हें प्रिय हर पल
और डाँट भी लगाये जब जब हो जाये कोई गलती
पर इज्ज़त और अपनेपन से?
वह प्यार से तुम्हें सँभाल लेगा बड़ा बन कर
जितना ही गहरा जायेगा प्यार में
प्यार बड़ा है प्रबल
प्यार में है बहुत जोर
और जब मिल जाये प्रिय कोई ऐसा
कर नहीं सकता कोई बाल बाँका
खुल कर प्यार करो तोड़ कर सारी सीमायें
वैसे ही जैसे गाड़ी करती हो स्टार्ट पहली पहली बार
फिर प्यार भी जी जान से करेगा हिफ़ाज़त तुम्हारी।
( प्रस्तुति : यादवेन्द्र )
--