आवासिय समस्या का हल है हमारे पास
आप यदि ये माने बैठे हैं कि एक ध्रुविय होती जा रही दुनिया के चलते दुनियाभर की पूंजीवादी लोकतांत्रिक सरकारें कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से परहेज़ करने लगी हैं और जनता की अधारभूत जरुरत । रोटी, कपड़ा और मकान को भी बाज़ार के हवाले छोड़ दे रही हैं तो शायद आप गलती पर हैं। आपकी जानकारी के लिए लीजिए प्रस्तुत है ये खबर झोपड़ियों में चांदनी रात का मजा लेंगे सैलानी
1 comment:
चलिये, बढ़िया है. कभी बनाया जायेगा इन झोपड़ियों की तरफ रुख करने का कार्यक्रम. :)
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