दुनिया
के
साहित्य-कला प्रेमियों को
विश्व रंगमंच दिवस २७ मार्च
की
मुबारकबाद।
रंगकर्मी बर्तोल ब्रेख्त की कविता:-
सुबह के करीब
जब मै अस्पताल के एक सफेद कमरे में जागा
और कोयल को सुना
तब, बूझा मैने खूब।
काफी देर तक मुझे मौत का कोई डर नहीं रहा
क्योंकि ऐसा कुछ नहीं है जो मैं कभी खो सकूं
बशर्ते, मैं न रहूं खुद
इस वक्त उस कामयाबी तक ले गया है
मेरी खुशी को
यह सब
कि तमाम कोयलों के गीत
रहेगें मेरे बाद भी।
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