उछाल मारता हुआ पानी जांसकर नाले में मिल जाने को तेज ढलान पर आवाज करता हुआ और पत्थरों को लुढ़काता हुआ बहता चला जा रहा था। पानी का बहाव देख कर एक बारगी तो हिम्मत जवाब देने लगी, कैसे पार करेंगे ? पर पार तो जाना ही था । घोड़े हमसे बहुत पहले पार हो चुके थे । पलामू से निकलते ही घोड़े वाले ने इस पानी के बाबत आगाह कर दिया था कि जितना जल्दी हो निकल लें वरना दोपहर होते - होते तक पानी बढ़ जाता है । उस वक्त उसकी राय पर कोई तवज्जो ही नहीं दी।
जूते भीग न जाएं इसलिए उन्हें उतार लिया गया। वस्त्रों को घुटनों तक मोड़ लिया और एक दूसरे के सहारे चाकू की धार सी ठंडक लिए उस तेज बहते पानी में उतर गए। रिपटते, संभलते और एक दूसरे को सहारा देते हुए पार हो गए। बस ऐसे ही आगे का बोल्डरों भरा रास्ता भी पार कर लिया। जांसकरसुमदो पहुंच चुके थे। जांसकरसुमदो का बदला हुआ रूप देख कर चौंक गए। हरियाली का कहीं नामो निशान न था । पत्थरों का साम्राज्य बिखरा हुआ था । यदि पत्थरों और रेत भर वह मैदान-सा न दिखाई देता और ना ही जांसकर नाले और बरसी नाले का संगम वहां पर दिखता तो तय था कि हमारी पुरानी स्मृतियां उस जगह को जांसकर सुमदो मानने ही न देती।
हो सकता है कि रास्ता भटक जाने का एक अनजाना भय भी हमें घेर लेता । पर जांसकरसुमदो का भूगोल, सिर्फ उस हरियाली को छोड़कर जो 1997 में थी, वैसा का वैसा ही था। पूरा मैदान नदी का पाट जैसा दिख रहा था। संभवत: पिछले कुछ वर्षों में बरसी नाले का बहाव जांसकर सुमदो के मैदान की हरियाली को बहा ले गया होगा। और बदले में जो कुछ था वह पत्थर और रेत। मैदान के बीच में एक कच्चा पुल भी दिखा। अनुमान लगा सकते हैं कि बरसी नाले ने, दारचा से जांसकर या जांसकर से दारचा आने-जाने वाले स्थानीय लोगों को मुसीबत में डाल दिया होगा। और जिससे निपटने के लिए ही उस कच्चे पुल का निर्माण किया होगा जो अब मैदान के बीच में टूटा हुआ अकेला और उदास पड़ा था। यानी जांसकर सुमदो में पत्थर और रेत बिखेर कर बरसी नाला अपने पूर्व मार्ग पर वापस लौट चुका। पत्थरों और रेत के उस मैदान पर रुकने के बजाय झूला पुल से बरसी नाले को पार कर सिंगोला पास की ओर बढ़ती हुई चढ़ाई पर चढने लगे और थमजैफलांग जा कर रूके। बरसी नाले के साथ-साथ यदि आगे बढ़ें तो पहाड़ी दर्रों को पार कर जम्मू कश्मीर की मयाड़ घाटी में उदयपुर उतरा जा सकता है।
-जारी
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1 comment:
ab to Apki yatra vakai bahut rochak lagne lagi hai...
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